महादेव बुक सट्टा एप के मुख्य संचालक सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद अब इस पूरे गिरोह में सभी शामिल लोगों की हिस्सेदारियों का भी राजफाश हो रहा है। ऑनलाइन महादेव सट्टा एप के साम्राज्य में सर्वाधिक 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सौरभ चंद्राकर की है। वहीं, सहयोगी रवि उप्पल का 25 प्रतिशत का शेयर है।
एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम, अब सीबीआई कर रही जांच
पुलिस के बाद मामले की जांच ईडी ने शुरू की। सरकार बदलने के बाद ईओडब्ल्यू में महादेव सट्टा एप में 19 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी नाम है। सरकार ने अब जांच को सीबीआई को सौंप दिया है।
दर्ज एफआईआर में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी ऊर्फ पिंटू, चंद्रभूषण वर्मा, असीमदास, संतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतिश दीवान, अनिल कुमार अग्रवाल, रोहित गुलाटी, विशाल आहुजा, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, भीम सिंह यादव, हरीशंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी उर्फ जूनियर का नाम है।
चुनाव के पहले पूर्व सीएम का उछला नाम, फिर एफआईआर
- ईडी ने नवंबर 2023 में एक कथित कैश कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था। दास और एक अन्य आरोपी कांस्टेबल भीम सिंह यादव भी गिरफ्तार हुआ था।
- उनके पास से करोड़ों की नगद राशि भी बरामद हुई थी। इसमें बताया गया था कि यह पैसा दुबई से रायपुर लाया जा रहा रहा था।
- शुभम सोनी ने वीडियो प्रसारित कर तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल पर लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आरोप भी लगाया था।
- नवंबर 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि महादेव एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी।
- इसके साथ ही ईडी की चार्जशीट में भी भूपेश बघेल के नाम का जिक्र था। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में महादेव एप मामले में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था।