आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने दाखिल किया पूरक आरोप पत्र, बोले साजिश में शामिल थे CM

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में दायर अपने नवीनतम पूरक आरोप पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस नीति के निर्माण और उसके क्रियान्वयन से जुड़ी आपराधिक साजिश में शुरुआत से ही शामिल थे। सीबीआई ने मामले में पांचवां और अंतिम आरोप पत्र दायर कर अपनी जांच पूरी की। उसने आरोप लगाया कि केजरीवाल के मन में पहले से ही आबकारी नीति के संबंध में निजीकरण का विचार था। बता दें, भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई ने कहा, जब मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह द्वारा नीति तैयार की जा रही थी, तब केजरीवाल ने मार्च 2021 में अपनी पार्टी आप के लिए वित्तीय सहायता की मांग की थी। सीबीआई ने आरोप पत्र में कहा, केजरीवाल के करीबी सहयोगी और आम आदमी पार्टी (आप) के मीडिया एवं संचार प्रभारी तथा सह-आरोपी विजय नायर दिल्ली में शराब कारोबार के विभिन्न हितधारकों से संपर्क साध रहे थे और अनुकूल आबकारी नीति के बदले उनसे अवैध रिश्वत की मांग कर रहे थे। आप ने इन आरोपों से इनकार किया है।

26 जून को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार

केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। वह कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले की जांच के सिलसिले में तिहाड़ में बंद थे। केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की है, जिस पर अभी कोई फैसला नहीं आया है। सीबीआई ने आरोप पत्र में कहा कि विजय नायर ने केजरीवाल के लिए सह-आरोपी और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता की अध्यक्षता वाले साउथ ग्रुप के आरोपियों से संपर्क करने के माध्यम के रूप में काम किया और अनुकूल आबकारी नीति के बदले उनसे 100 करोड़ रुपये प्राप्त किए।

गोवा भेजी गई थी अवैध धनराशि

आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा है कि मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल की मनचाही आबकारी नीति को लागू करने और मंजूरी देने में भूमिका थी। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि आप के टिकट पर 2022 का गोवा विधानसभा चुनाव लड़ने वाले राज्य के दो पूर्व विधायकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रचार अभियान संबंधी खर्चों के लिए पार्टी के एक स्वयंसेवक ने नकद भुगतान किया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को अपने पक्ष में करने के लिए साउथ ग्रुप द्वारा चुकाई गई कुल 90-100 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि में से 44.5 करोड़ रुपये की नकदी चुनाव संबंधी खर्चों के लिए पार्टी द्वारा गोवा भेजी गई थी।

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