कवर्धा हिंसा मामले में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बंद बुलाया है। 21 सितंबर शनिवार को पूरा प्रदेश बंद रखने की बात कांग्रेस ने कही है। हालांकि शुक्रवार को छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स की बैठक में यह तय हुआ कि बंद को व्यापारी समर्थन नहीं देंगे। चेंबर ऑफ कॉमर्स की तरफ से कहा गया है कि इतने शॉर्ट नोटिस पर प्रदेश की दुकानों को बंद करना मुमकिन नहीं है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का हवाला देकर 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद रखने कहा था।
छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश महामंत्री अजय भसिन ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पत्र हमें 20 सितम्बर शुक्रवार को मिला। इसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से कराए जा रहे बंद को समर्थन देने का आग्रह किया गया है। बंद का समर्थन करना केवल कार्यकारिणी का क्षेत्राधिकार है। इतने अल्प समय में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है।
साथ ही चेंबर ने कहा कि, छोटे-छोटे व्यापारी, रेहड़ी पटरी, एवं व्यापारिक संगठन जुड़े हुए हैं। फल-सब्जी, दूध एवं अन्य कच्चे सामान का व्यवसाय करने वालों को आकस्मिक बंद से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। लिहाजा ”छत्तीसगढ़ बंद” का समर्थन करने में चेंबर असमर्थ है। बंद को लेकर हुई बैठक में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, समेत सभी बड़े पदाधिकारी मौजूद रहे।
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दरअसल, 15 सितंबर रविवार को कवर्धा के लोहारीडीह निवासी शिवप्रकाश उर्फ कचरू साहू की हत्या के शक में गांव वालों ने यहां के उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर पर आग लगाकर उसे जिंदा जला दिया। घटना के दौरान गांव में लोगों ने पुलिस को घुसने नहीं दिया।
पथराव में SP अभिषेक पल्लव समेत कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। बताया जा रहा है कि कवर्धा में उप सरपंच रघुनाथ और शिव प्रकाश के बीच पुरानी रंजिश, पॉलिटिकल वॉर और वर्चस्व की लड़ाई में मॉब लिंचिंग हुई है। पुलिस ने 161 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। वहीं 60 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है।