रायपुर नगर निगम में फरवरी के बाद पूरे 7 माह बाद 3 अक्टूबर को सामान्य सभा बुलाई जा रही है। नियमानुसार तीन महीने के भीतर सभा होनी है। सामान्य सभा बुलाने में की गई देरी को लेकर एक तरफ भाजपा पार्षद आक्रामक हैं और आरोप लगा रहे हैं कि विपक्ष के सवालों से बचने के लिए ही पिछले सात महीने से सभा नहीं बुलाई गई। वहीं महापौर सरकार के रवैये को लेकर मुखर हैं। उनका कहना है कि नगर निगम को लेकर सरकार पॉजिटिव नहीं है। पूर्व में भेजे गए प्रस्तावों पर शासन ने सहमति और स्वीकृति नहीं दी है।
नगर निगम ने फरवरी की सामान्य सभा में बजट प्रस्तुत किया था। इसके बाद पिछले सात महीने से सभा ही नहीं बुलाई गई। अब 3 अक्टूबर को बुलायी जा रही सामान्य सभा इस शहरी सत्ता के कार्यकाल की आखिरी सामान्य सभा होगी। सभा में पास होने वाले प्रस्तावों को राज्य शासन से जल्द स्वीकृति मिलने को लेकर अभी से सवाल खड़े हो रहे है, क्योंकि नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।
इनको नहीं मिली मंजूरी
- नगर निगम के 200 करोड़ के ग्रीन बांड
- खाली प्लाट पर दो साल का टैक्स लेकर रेगुलर करना
- नहीं बिक रही निगम की दुकानों को किराए पर देना
- डूमरतराई और पुराने निगम मुख्यालय की जमीने को बेचने
ये प्रस्ताव भेजेगा निगम
- लड़की के जन्म पर निगम 20 हजार फिक्स डिपाजिट करेगा।
- सफाई कर्मचारियों को सुबह का नाश्ता देने का प्रस्ताव।
- रोड स्वीपिंग का दायरा 66 किमी बढ़ाने का प्रस्ताव।