NIT-IIT में विदेशी छात्रों को पूर्व की तरह ही मिलेगा प्रवेश, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में बिलासपुर हाईकोर्ट ने विदेशी छात्रों के लिए एनआईटी-आईआईटी में प्रवेश के नियमों में बदलाव की केंद्र सरकार की नीति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। डिवीजन बेंच ने कहा कि, प्रवेश के लिए नीति बनाना और मापदंड तय करना केंद्र सरकार का अधिकार है। जिस पर हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता। प्रवेश के लिए छूट देना सरकार का नीतिगत निर्णय है, जिसके लिए छात्र दावा नहीं कर सकता।

दरअसल, केंद्र सरकार ने विदेशी छात्रों के एडमिशन के लिए नया नियम लागू किया है। जिसमें पूर्व में निर्धारित 60 अंक को बढ़ाकर अब 75 अंक कर दिया गया है। नए नियम के चलते एडमिशन से वंचित होने वाले छात्रों ने इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

सऊदी अरब में रहने वाले स्टूडेंट्स शेख मुनीर, सुहास काम्मा, श्रियांस कुमार, आफिया अनीस, रंजीत, राघव सक्सेना सहित अन्य ने अपने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि एनआईटी, आईआईटी और अन्य संस्थानों में डायरेक्ट एडमिशन योजना (डासा) वो एडमिशन के लिए पात्र हैं। लेकिन, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक योग्यता के लिए निर्धारित नियमों में बदलाव किया है, जिसकी वजह से वो एडमशिन नहीं ले पा रहे हैं।

पहले 60 अंक था, जिसे बढ़ाकर 75 कर दिया

याचिकाकर्ताओं ने बताया कि, साल 2024-25 के लिए स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए पहले 60 फीसदी अंक निर्धारित किया गया था। 30 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की, जिसमें डासा योजना से एडमिशन के लिए निर्धारित अंकों में बदलाव किया गया। पूर्व में निर्धारित 60 अंक को बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है। इसे अनिवार्य शर्त में शामिल किया गया है। बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से वर्ष 2001-02 में विदेशी नागरिकों, भारतीय मूल के विदेश में रहने वाले, अप्रवासी भारतीयों और एनआरआई को देश के प्रमुख 66 तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए डासा योजना लागू की गई है।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *