दिल्ली। 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) आज चौथे दिन पूछताछ करेगी। जांच में अब एक नया मोड़ सामने आया है। NIA सूत्रों के अनुसार, शनिवार की पूछताछ में एक ‘कर्मचारी बी’ का नाम सामने आया है, जिसने राणा के कहने पर हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविड हेडली को लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल सपोर्ट दिया था। NIA अब तहव्वुर राणा और ‘कर्मचारी बी’ को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। सूत्रों का कहना है कि ‘कर्मचारी बी’ को आतंकी हमले की साजिश की जानकारी नहीं थी, लेकिन उसने राणा के निर्देशों पर हेडली की मेहमाननवाज़ी, ठहरने की व्यवस्था और ट्रांसपोर्ट में मदद की।
वॉयस सैंपल लिए जाने की तैयारी
NIA अब तहव्वुर राणा के वॉयस सैंपल लेने की तैयारी कर रही है ताकि यह पुष्टि की जा सके कि क्या वह नवंबर 2008 में हमलों के दौरान फोन पर निर्देश दे रहा था। इसके लिए राणा की सहमति जरूरी होगी। यदि वह मना करता है, तो NIA कोर्ट का रुख कर सकती है।
33 बीमारियों का हवाला देकर टालना चाहता था प्रत्यर्पण
राणा ने भारत प्रत्यर्पण रोकने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग को पत्र लिखकर अपनी 33 बीमारियों और भारत में संभावित “टॉर्चर” का हवाला दिया था। लेकिन अमेरिका ने इन दावों को खारिज करते हुए 11 फरवरी को प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी।
NIA की कस्टडी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
राणा को लोधी रोड स्थित NIA मुख्यालय में हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। 14×14 फीट की सेल में वह सुसाइड वॉच पर है, उस पर 24 घंटे सीसीटीवी और सुरक्षाकर्मियों की निगरानी है। उसे केवल सॉफ्ट टिप पेन दिया गया है ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।
पूछताछ में राणा ने एक “दुबई मैन” का जिक्र किया है, जिसे हमले की पूरी प्लानिंग की जानकारी थी। एजेंसी को शक है कि वह व्यक्ति पाकिस्तान और दुबई के नेटवर्क के बीच फाइनेंसिंग और लॉजिस्टिक्स की कड़ी हो सकता है। इसके अलावा, राणा के ISI से करीबी संबंध और पाकिस्तानी सेना की वर्दी के प्रति लगाव की भी जानकारी सामने आई है। NIA की 18 दिन की कस्टडी खत्म होने के बाद तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।
प्रत्यर्पण से भारत लाने तक की कहानी
- राणा को 10 अप्रैल को अमेरिका से भारत लाया गया।
- गुल्फस्ट्रीम G550 विमान से दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर उतारा गया।
- मेडिकल चेकअप के बाद उसे NIA मुख्यालय ले जाया गया।
कौन है तहव्वुर राणा?
- 64 साल का तहव्वुर पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है।
- पाकिस्तान की सेना में डॉक्टर था, बाद में कनाडा और फिर अमेरिका में इमिग्रेशन सर्विस बिजनेस शुरू किया।
- ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ के नाम से कई शहरों में फर्में चलाईं।
- उसे 7 भाषाओं का ज्ञान है और वह कई बार पाकिस्तान, कनाडा, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं कर चुका है।