विधानसभा में सीएम ने आपातकाल को काला अध्याय बताया, साय ने कहा; लोकतंत्र किसी की बपौती नहीं

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय है। उन्होंने 21 मार्च 1977 को भारतीय लोकतंत्र की जीत का दिन बताया और कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की आस्था, साहस और संघर्ष की विजय थी।

सीएम साय ने कहा, “लोकतंत्र किसी पार्टी या सत्ता की बपौती नहीं है, यह करोड़ों भारतीयों के बलिदान और संकल्प की देन है।” उन्होंने याद दिलाया कि 1975 में आपातकाल के दौरान भारतीय संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया था और सभी शक्तियां एक परिवार के हाथों में केंद्रित कर दी गई थीं।

नागरिक अधिकारों का दमन

आपातकाल के दौरान नागरिक अधिकारों का दमन, मीडिया पर सेंसरशिप, विरोध की आवाज का दबाना और रातों-रात गिरफ्तारियां की जाती थीं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके बड़े पिता नरहरि साय भी 19 माह तक जेल में रहे और वे लोकतंत्र सेनानियों में से एक थे जिन्होंने तानाशाही के खिलाफ खड़े होकर भारत की आत्मा की रक्षा की।

सीएम साय ने कहा, “हमें सतर्क रहना होगा ताकि लोकतंत्र पर फिर कभी अंधकार का साया न पड़े।” उन्होंने यह भी कहा कि इमरजेंसी का धब्बा 21 मार्च 1977 को हट गया था, लेकिन उस मानसिकता को पहचानने और हराने की जिम्मेदारी अब देश की जागरूक जनता की है।

अखबारों पर ताले, कलाकारों की आवाज बंद

सीएम ने बताया कि उस समय अखबारों पर ताले लगाए गए थे और कलाकारों की आवाज भी बंद कर दी गई थी। किशोर कुमार जैसे प्रसिद्ध गायक को भी रेडियो पर बैन कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने आपातकाल का विरोध किया था। मुख्यमंत्री ने इस काले अध्याय को याद करते हुए कहा कि हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहना होगा।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *