छत्तीसगढ़ में CSEB अफसरों की मनमानी से 4 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को गलत तरीके से पोस्टिंग दी गई है। इसे लेकर छत्तीसगढ़ सर्वहित संघ के पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। पदाधिकारियों ने कहा कि अब बिजली मुख्यालय के बाहर आने वाले दिनों में जंगी प्रदर्शन होगा।
संघ के पदाधिकारियों ने CSEB के चेयरमैन से अपना विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि CSEB के अधिकारी अधीनस्थों की पोस्टिंग में नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। जूनियर को सीनियर की पोस्ट पर बिठाया जा रहा है।
वर्तमान में पदोन्नति नियम 2003 के 5 रोस्टर के हिसाब से
बिजली कंपनी में वर्तमान में अधिकारियों का प्रमोशन पदोन्नति नियम 2003 के 5 रोस्टर के हिसाब से हुआ है। नियम के अनुसार 12 प्रतिशत एससी और 32 प्रतिशत एसटी का भी आरक्षण है। विद्युत कंपनी एम नागराज के प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट पर 7 जजों की बेंच ने 2006 में पदोन्नति मात्रात्मक आंकड़ों के आधार पर जारी करने के निर्देश दिए थे।
इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति का पदों पर प्रतिनिधित्व व विभाग की क्षमताओं पर पड़ने वाले असर को देखा जाना था। इसी क्षमताओं पर पड़ने वाले असर को देखा जाना था। इसी के आधार पर छग विद्युत कंपनी के मुख्य अपीलकर्ता विष्णु प्रसन्न तिवारी और आशीष अग्निहोत्री ने हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने विद्युत कंपनी के सामान्य प्रशासन विभाग को मात्रात्मक आंकड़ों के आधार पर दोबारा रोस्टर बनाने का निर्देश किया।
4 हजार अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति
संघ के पदाधिकारियों के अनुसार पदोन्नति नियम 2003 के आधार पर अब तक 2 हजार कर्मचारी और 2 हजार अधिकारियों की पदोन्नति हो चुकी है। इसमें 1989 से अब तक के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। यही वजह है कि पदोन्नति पाने वाले अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।