भाटिया वाइंस से निकलने वाले प्रदूषित पानी की वजह से शिवनाथ नदी में हजारों मछलियों की मौत को लेकर प्रकाशित दैनिक भास्कर की खबर पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया था। जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू की। सोमवार को पर्यावरण संरक्षण मंडल ने बताया कि नदी के पानी का ऑक्सीजन लेवल सुधरा है। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि प्रदूषित पानी का स्त्रोत पता लगाएं, जिससे समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
मुंगेली जिले के ग्राम धूमा में भाटिया वाइंस फैक्ट्री है। यहां से निकले प्रदूषित पानी की वजह से शिवनाथ नदी में लाखों की संख्या में मछलियों की मौत हो गई थी। इसे लेकर दैनिक भास्कर में छपी खबर पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया। जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू की। 30 जुलाई 2024 को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने कोर्ट को बताया कि जांच के लिए हाई पॉवर कमेटी बनाई गई है। सैंपल लिया गया है। रिपोर्ट नहीं मिली है। 13 अगस्त को सुनवाई के दौरान बोर्ड ने बताया कि 22 और 23 जुलाई को फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया था, इस दौरान पाया गया कि शर्तों का उल्लंघन किया गया है। बाद में बताया गया कि नदी के पानी का ऑक्सीजन लेवल कम था। सोमवार को मंडल ने बताया कि अब नदी के पानी का ऑक्सीजन लेवल सुधरा है। न्यूनतम स्तर 4 होना चाहिए, जो कहीं 5.2 तो कहीं 6 तक है। इस पर सीजे रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने पर्यावरण संरक्षण मंडल को निर्देश दिए कि प्रदूषित पानी का स्त्रोत पता करें, जिससे समस्या को स्थायी रूप से दूर की जा सके। अब इस मामले पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
मंडल की तरफ से गुरुवार को बताया गया कि निरीक्षण के दौरान फैक्ट्री में कई तरह की खामियां मिली थीं। प्रदूषित पानी खजूरी नाले से शिवनाथ नदी में जा रहा था। यहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य था। इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय को नियमों के तहत कार्रवाई को कहा गया था। क्षेत्रीय कार्यालय ने 8 लाख 70 हजार रुपए पेनल्टी लगाई। कमियां दूर करने को कहा गया। वहीं, भाटिया वाइंस की तरफ से बताया गया कि कमियां दूर कर ली गई हैं। पेनल्टी जमा कर दी गई है।
इसके बाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने कहा कि नियमों के अनुसार फैक्ट्री खोलने पर उचित आदेश जारी करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण मंडल स्वत्रंत है। मंडल ने लगाया था 8 लाख रुपए जुर्माना 22 अगस्त को सुनवाई के दौरान पर्यावरण संरक्षण मंडल ने बताया कि भाटिया वाइंस से निकलने वाला दूषित पानी खजूरी नाले से होकर शिवनाथ नदी में जा रहा था। यहां ऑक्सीजन का स्तर शून्य था। इसके बाद क्षेत्रीय कार्यालय को नियमों के तहत कार्रवाई को कहा गया था। क्षेत्रीय कार्यालय ने 8 लाख 70 हजार रुपए पेनल्टी लगाई। कमियां दूर करने को कहा गया।