कानपुर के पास कालिंदी एक्सप्रेस को सिलेंडर से उड़ाने की साजिश में चौंकाने वाली बात सामने आई है। इस साजिश की जांच यूपी एटीएस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की छह टीमें लगी हुई हैं।
सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच में साजिश में टेरर लिंक उभरकर सामने आया है। जांच एजेंसियों का मानना है कि ट्रेन को सिलेंडर से उड़ाने में एक व्यक्ति शामिल हो सकता है और हो सकता है कि वह ‘सेल्फ रेडिकलाइज्ड’ हो। जांच एजेंसियों को शक है कि आईएसआईएस का खुरासन मॉड्यूल इसके पीछे हो सकता है। जांच एजेंसियों को शक है कि साजिश में शामिल युवक को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया होगा क्योंकि आईएसआईएस का कमांडर घोरी युवाओं में कट्टरपंथी सोच भरने के लिए उन्हें ऑनलाइन क्लास देता है।
खंगाला जा रहा सीसीटीवी फुटेज
जांच एजेंसियां तेजी से जांच में जुटी हैं और अब तक 219 सीसीटीवी की फुटेज जुटाकर उसे देखा जा रहा है। जांच एजेंसी की कोशिश जल्दी से जल्दी इस मामले के तह कत पहुंचने और इस पूरी साजिश का पर्दाफाश करने की है। मामले में कई संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है। कानपुर जिले में सोमवार को एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया जब अज्ञात लोगों ने प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के सामने पटरी पर रसोई गैस सिलेंडर रख दिया। इसे देखकर चालक ने इमर्जेंसी ब्रेक लगा दी और सिलेंडर उससे टकराकर दूर जा गिरा। घटना में आतंकवादियों का हाथ होने की आशंका के मद्देनजर आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने भी मामले की अलग से जांच शुरू की है।
हर पहलू की हो रही जांच
एटीएस के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि उन्होंने अपनी जांच के तहत हर पहलू पर गौर किया है और एटीएस जो भी निष्कर्ष निकालेगी, उसे जल्द ही मीडिया के साथ साझा किया जाएगा। अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) हरीश चंद्र ने सोमवार को बताया, ‘रविवार रात आठ बजकर 20 मिनट पर प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस के चालक ने बिल्हौर रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पहले पटरी पर एक रसोई गैस सिलेंडर रखा देखा। इस पर उसने आपातकालीन ब्रेक लगा दी मगर ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई और थोड़ा आगे जाकर रुक गयी। सिलेंडर भी उछलकर दूर जा गिरा।’
20 मिनट तक रुकी रही ट्रेन
उन्होंने कहा, ‘गनीमत रही कि सिलेंडर इंजन में फंसकर फटा नहीं, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। साथ ही अचानक आपातकालीन ब्रेक लगने से ट्रेन पटरी से उतर भी सकती थी। ट्रेन करीब 20 मिनट तक घटनास्थल पर रुकी रही और जांच के लिए इसे बिल्हौर स्टेशन पर रोका गया।’चंद्र ने बताया कि सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। मामले को सुलझाने में उनकी मदद के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) भी मामले की जांच कर रहा है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त सिलेंडर के अलावा पेट्रोल से भरी बोतल और माचिस सहित कई संदेहास्पद चीजें भी बरामद की गई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त ने कहा कि उन लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से गैस सिलेंडर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पटरियों पर रखी थीं।