रायपुर। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में शनिवार को पीआरए ग्रुप के दफ्तर और कारोबारी की कार पर फायरिंग करने वाले शूटर दुर्ग से भी भाग निकले हैं। पुलिस को इसका क्लू मिलने के बाद अब मप्र, झारखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार में शूटरों की तलाश शुरू कर दी गई है। इन सभी राज्यों में अलग-अलग टीमें रवाना कर दी गई हैं। पुलिस अब ये भी पता लगा रही है कि छत्तीसगढ़ के कितने कारोबारी का झारखंड में बड़ा काम कर रहे हैं।
अभी तक जो खुलासा हुआ है उसके अनुसार झारखंड में कंस्ट्रक्शन का बड़ा काम कर रही दो बड़ी कंपनियां अमन साव गैंग के निशाने पर हैं। इन कंपनियों को रंगदारी नहीं देने पर उनके जिम्मेदारों को लगातार धमकियां मिल रही हैं। फायरिंग कर डराया जा रहा है। ताकि कंपनियां झारखंड में काम करने के लिए गैंग को रंगदारी के तौर पर बड़ी कर दे। हालांकि इन कंपनियों को धमकाने वाले गिरोह के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें फायरिंग करने वाले शूटर भी शामिल हैं। पकड़े गए लोगों को डेढ़-दो लाख की सुपारी देकर भेजा गया था।
पुलिस के अनुसार झारखंड में कोल का काम करने वाली आरकेटीसी ग्रुप को सबसे पहले अमन साव गैंग ने निशाना बनाया है। 2022 में उनका झारखंड में जहां काम चल रहा है उस साइड पर फायरिंग की गई। उसके बाद 65 करोड़ रुपए रंगदारी मांगी। पैसा नहीं मिला तो 30 सितंबर 2022 को कंपनी के कोरबा दफ्तर के बाहर फायरिंग कर पर्चा फेंका गया।
उसके बाद धमकी भरा मेल और मैसेज किया गया। आरकेटीसी के पार्टनर इससे भी डरे नहीं। तब उनके खिलाफ सुपारी देकर 11 फरवरी 2023 को दो शूटर रायपुर भेजा गया। शूटर ने शंकर नगर सेक्टर-2 ऑफिस के बाहर दो गोली चलाईं। हालांकि पुलिस ने दोनों शूटर को 8 दिन बाद पकड़ लिया गया। उस समय सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया। इस कंपनी का 1200 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट झारखंड में चल रहा है।