राजधानी रायपुर में सोमवार की रात से हो रही बारिश ने पिछले दस साल का रिकार्ड तोड़ दिया। 24 घंटे में रिकार्ड 118 मिमी पानी गिर गया। इससे पहले इतनी बारिश नहीं हुई। 2021 में 14 सितंबर को 101.4 मिमी बारिश हुई थी। यह इस साल की बारिश से 17 मिमी कम है। कम समय में इतनी तेज बारिश के कारण सोमवार की सुबह तक राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो गए।
सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। निचली बस्तियां तो दूर कालोनियों में बेडरुम तक पानी घुस गया। जलभराव की वजह से शहर की कई कॉलोनियों और बस्तियों में सुबह लोगों के घर चूल्हा नहीं जला। इसलिए नगर निगम ने उन इलाकों में 3 हजार से ज्यादा खाने के पैकेट बांटे।
सोमवार की रात करीब 11 बजे से शुरू हुई बारिश मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक नॉन स्टॉप जारी रही। सुबह-सुबह 8 बजे के आसपास बारिश बहुत तेज हो गई थी। बारिश के कारण शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। प्रोफेसर कालोनी के सेक्टर 1, 2, 3, 5 में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। कालोनी का यही सबसे निचला इलाका है। इसलिए यहां पर हर बारिश में पानी भरता है। इस साल पहली बार बेडरुम तक एक से डेढ़ फुट तक पानी भर गया। वामन राव लाखे वार्ड में आने वाले शीतला कालोनी, तरुण नगर, तुलसी नगर, आदिवासी कालोनी, राष्ट्रीय चौक, बंजारी नगर, कुशालपुर के पूरे इलाके में पानी भर गया।
करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं रुक रहा जलभराव
प्रोफेसर कालोनी में जलभराव रोकने के लिए पांच से छह करोड़ रुपए खर्च कर लिए गए। इसके बावजूद यहां पानी भरना बंद नहीं हुआ है। नगर निगम ने रिंग रोड के किनारे बड़ा नाला बनवाया। उम्मीद थी कि इससे प्रोफेसर कालोनी, कुशालपुर और आसपास का पानी नाले से होकर सीधे खारुन नदी की ओर निकल जाएगा। इसके बावजूद पानी की निकासी नहीं हुई। पार्षद मन्नू यादव ने बताया कि प्रोफेसर कालोनी, कुशालपुर में कोतवाली, कालीबाड़ी, लाखे नगर, सुंदर नगर, पुरानी बस्ती का पानी आता है। पूरे शहर का पानी एक साथ इस इलाके में आता है। कालोनी के निचले इलाके में पूरा पानी भर जाता है, क्योंकि निकासी छोटी है।
नाश्ता नहीं बना, सुबह बांटने पड़े भोजन के पैकेट
नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा सुबह शहर का निरीक्षण करने के लिए निकले। जोन-3, 5, 9, 7 के जोन कमिश्नरों के साथ वे शक्ति नगर, शांति नगर, प्रोफेसर कालोनी, कुशालपुर, अवंति विहार, कविता नगर, वीआईपी रोड, चंडी नगर, शक्ति नगर, ब्रह्मदेव नगर इत्यादि इलाकों में गए। घरों में पानी भरने की वजह से लोगों के लिए सुबह खाना बनाना मुश्किल हो गया। ऐसे इलाकों में लोगों को बिस्किट तथा खाने-पीने की अन्य चीजें मुहैया कराने के निर्देश दिए।