वायनाड लैंडस्लाइड: मौत का आंकड़ा 402 पहुंचा, 180 अब भी लापता

केरल। केरल के वायनाड में तेज बारिश के बाद हुए लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या 402 हो गई हैं। इनमें से 181 लोगों के शरीर के सिर्फ टुकड़े ही मिले हैं। 180 लोग अब भी लापता हैं। सर्च ऑपरेशन का आज (6 अगस्त) 8वां दिन है।

वायनाड में 29-30 जुलाई देर रात मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुई थीं। - Dainik Bhaskar

रेस्क्यू टीम आज सोचीपारा के सनराइज वैली इलाके में तलाशी की जाएगी। यह एक ऐसा दुर्गम क्षेत्र है, जहां अब तक रेस्क्यू का काम नहीं हुआ था। वायुसेना के हेलिकॉप्टर से एक टीम यहां पहुंचेगी। वहीं प्रभावित इलाकों को 6 जोन में बांटकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

लैंडस्लाइड में अज्ञात लोगों के शवों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया।

इधर सोमवार देर रात पुथुमाला में लैंडस्लाइड में मारे गए 29 अज्ञात लोगों और 154 बॉडी पार्ट्स का सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए आज मंगलवार को सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है। आपको बता दे, कि वायनाड में 29-30 जुलाई देर रात 2 बजे और 4 बजे के करीब मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांवों में लैंडस्लाइड हुई थीं। इनमें घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां बह गईं।

पुथुमाला में सर्च ऑपरेशन के दौरान मिले अज्ञात शवों का सोमवार को जिला प्रशासन ने अंतिम संस्कार किया।

पीड़ित बोला- एक ही रात में 16 परिजन खोए

वायनाड के चूरलमाला में रहने वाले 42 वर्षीय मंसूर ने पीटीआई से बातचीत में कहा- मैं उस दिन अपने घर पर नहीं था। मैंने एक ही रात में परिवार के 16 सदस्यों को खो दिया। अब तक 4 ही लोगों की बॉडी मिली है। बेटे की बॉडी मिली है। बेटी समेत 12 लोग लापता हैं। इस घटना में मेरा परिवार, मेरा घर, सब कुछ चला गया। मेरे पास कुछ नहीं बचा। मैं फिलहाल अपने भाई नासिर के साथ रह रहा हूं।

लैंडस्लाइड वाली जगह से दूर रहने वाले​ मंसूर के भाई नासिर ने बताया कि घटना से पहले अधिकारियों की ओर से कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। जब जलस्तर बढ़ रहा था, तो मैंने अपने भाई के परिवार को कहा कि वे मेरे घर आ जाएं। उन्होंने कहा कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन इस त्रासदी में अब सब कुछ खत्म हो गया।

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