हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में रिजल्ट ने सभी को चौंका दिया है। एग्जिट पोल के मुताबिक इस चुनाव में कांग्रेस की एकतरफा जीत होती थी, लेकिन बीजेपी ने बाजी मार ली है। इस रिजल्ट से कांग्रेस को करारा झटका लगा है, चुनाव के पहले प्रदेश में जो हवा चल रही थी, वह कांग्रेस के पक्ष में थी, लेकिन फिर भी बीजेपी ने सबकुछ को पीछे छोड़ते हुए बाजी मार ली है। कांग्रेस की हार पर इंडिया गठबंधन में भी फूट पड़ती दिख रही है। पहले आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने और अब शिवसेना ने भी कांग्रेस को नसीहत दे दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस की हार ने इंडिया गठबंधन की पार्टियों को भी चिंतित कर दिया है। यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि सभी मुद्दे पक्ष में रहने के बाद भी कांग्रेस कैसे हार गई। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा था कि अधिक आत्मविश्वास भी नहीं होना चाहिए। कोई भी चुनाव आसान नहीं होता है, हर चुनाव हर सीट मुश्किल होती है। बता दें कि हरियाणा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के साथ उतरने वाली थी, लेकिन सीट शेयर को लेकर सहमति नहीं बनने के कारण दोनों अलग-अलग लड़ी।
शिवसेना ने कांग्रेस से क्या कहा
शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव का महाराष्ट्र पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर विचार करने की जरूरत है। हरियाणा में कांग्रेस उम्मीद से कम प्रदर्शन कर सकी है। वहीं, भाकपा नेता डी. राजा ने कहा कि कांग्रेस को इस हार पर गंभीरता से आत्मचिंतन करने की जरूरत है। इसके साथ ही हरियाणा से सीख लेते हुए कांग्रेस को महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों को साथ लेकर चलना चाहिए।
कांग्रेस की ओर से आया जवाब
दरअसल, अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग की बात चल रही है। यह बातचीत कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की राकांपा (शरदचंद्र पवार) के बीच चल रही है। इसी को लेकर शिवसेना ने तंज कसा और सीट शेयरिंग को निशाना बनाकर बयान दिया। इस पर कांग्रेस नेता रमेश ने कहा कि मैं याद दिला दूं कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सबसे अधिक सीट कांग्रेस ने ही जीती थी।
उन्होंने कहा कि गठबंधन का धर्म होता है कि आपस की बातचीत दूसरे से या फिर मीडिया से नहीं बोलते हैं। महाराष्ट्र में हम खुद भी गठबंधन को मजबूत करना चाह रहे हैं, हमारा कर्तव्य है कि हम अपने दलों के बारे में नहीं बोलेंगे। इससे जाहिर है कि कांग्रेस नेता ने भी इशारों-इशारों में शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को नसीहत दे डाली है। ऐसे में इंडिया गठबंधन में भी फूट पड़ती दिख रही है।