रायपुर। आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई दुखद घटना के जवाब में, एम्स रायपुर के छात्र और रेजिडेंट डॉक्टरों ने 16 अगस्त 2024 की सुबह 8 बजे से नियोजित सेवाओं (ओपीडी और नियोजित कार्य) को निलंबित कर देशव्यापी शांतिपूर्ण विरोध में भाग लिया है, जबकि आपातकालीन सेवाएं अनवरत जारी रखी गई हैं।
रेजिडेंट डॉक्टर इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के प्रति अपनी गहरी चिंता और एकजुटता व्यक्त कर रहे हैं और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा और कल्याण को तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता को पहचान रहे हैं। उनकी भागीदारी का
उद्देश्य आवश्यक चिकित्सा सेवा बाधित किए बिना चिकित्सा पेशेवरों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों का समर्थन करना है। एम्स रायपुर के फैकल्टी एसोसिएशन ने भी 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस दुखद घटना पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है।
फैकल्टी एसोसिएशन आर. जी. कर और पूरे भारत में अपने सहयोगियों के साथ एकजुटता में खड़ा है। इस जघन्य कृत्य की निंदा करता है। वे अधिकारियों से आग्रह करते हैं, कि त्वरित कार्रवाई कर न्याय सुनिश्चित करें और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं। एक युवा चिकित्सा पेशेवर पर किया गया यह निर्मम हमला पूरे स्वास्थ्य समुदाय पर हमला है, जो स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा झेली जा रही असुरक्षा को उजागर करता है।
लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त), कार्यपालक निदेशक, एम्स रायपुर, ने 9 अगस्त 2024 को आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज, कोलकाता में एक युवा डॉक्टर की अति निर्मम तरीके से हुई मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां दोषियों को पकड़ेंगी और दिवंगत आत्मा और उसके परिवार को न्याय दिलाएंगी। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि एम्स रायपुर के रेजिडेंट्स और फैकल्टी, देशभर के चिकित्सकों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हुए, छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों के गरीबों का उपचार पेशेवर कुशलता और सहानुभूति के साथ करते रहेंगे। स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा बिल्कुल अस्वीकार्य है। यदि एम्स रायपुर में ऐसा कोई घटना घटती है, तो सुरक्षा अधिकारी को तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि अपराधी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।