देश भर में कई स्थानों पर रेल लाइनों पर साजिशें सामने आने के बाद रेलवे बोर्ड अलर्ट हो गया है। बोर्ड ने सभी जोनों को पत्र जारी कर पटरियों के किनारे पड़े अपने लोहे के स्क्रैप और पत्थर आदि को हटाने का आदेश दिया है। रेलवे बोर्ड का आदेश आते ही इंजीनियरिंग, सिग्नल एंड टेलीकाम और आरपीएफ की टीम ने मंडल में पटरियों के किनारे ज्वाइंट सर्वे शुरू कर दिया है कि किन जगहों पर लोहे के स्क्रैप पड़े हैं, कहां स्लीपर टूटा हुआ रखा है, पटरियों के किनारे कहां पत्थर रखे हैं। तीनों विभाग मिलकर मंगलवार तक अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।
उसके बाद रेलवे इसे ट्रैक के पास से हटाने का काम शुरू करेगा। वहीं दूसरी तरफ आरपीएफ और रेलवे ने ट्रैक पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। इसके साथ ही आरपीएफ ने क्विक रिस्पांस टीम का गठन भी कर दिया है। देशभर में रेलवे को नुकसान पहुंचाने के लिए असामाजिक तत्वों द्वारा रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का गट्ठा आदि रखने की घटनाएं हुई हैं। गुजरात के वडोदरा में रेलवे ट्रैक की प्लेट खुलने की घटना ने रेलवे प्रशासन की नींद उड़ा दी है। इसे देखते हुए सर्वे किया जा रहा है। उसके बाद मंडल के छोटे-बड़े स्टेशनों से स्क्रैप एकत्र करने के काम में रेलवे, आरपीएफ की संयुक्त टीमें लगाई जाएंगी। बड़े पैमाने पर एकत्र होने वाले स्क्रैप को गोदामों में रखा जाएगा।
संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
आरपीएफ अफसर ने बताया कि ट्रैक की सुरक्षा के लिए अब गश्त बढ़ा दी गई है। हालांकि रायपुर मंडल के आरपीएफ के जवान चुनावी ड्यूटी पर गए हैं। उनके लौटते ही गश्त और बढ़ा दी जाएगी। फिलहाल अभी आरपीएफ, रेलवे और पटरी के आस-पास के लोग मिलकर ट्रैक पर नजर रख रहे हैं। ट्रेनों में तैनात सिपाही भी यात्रा के दौरान आसपास के ट्रैक पर नजर रख रहे हैं।
ट्रैक के आस-पास के लोगों को कर रहे जागरूक
रेलवे ने ट्रैक के पास रहने वालों को भी सुरक्षा अभियान में शामिल कर लिया है। रायपुर, भिलाई, दुर्ग आदि जगहों के लोगों के साथ बैठकें की जा रही हैं। इन बैठकों में लोगों को जागरूक किया गया कि वे रेलवे ट्रैक पर न बैठें और न ही ट्रेनों पर पत्थर फेंकें। ट्रैक के आस-पास कोई संदिग्ध व्यक्ति नजर आए तो तत्काल रेलवे को सूचना दें, जिससे कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत रेलवे अधिकारियों तक पहुंच सके।