गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सावन में बादल जमकर बरस रहे हैं। तालाब लबालब हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। खेतों में भी किसानी के लिए पर्याप्त पानी है। इलाके पर मौसम इसी तरह मेहरबान रहे, इसलिए रविवार को मैनपुर ब्लॉक में 62 गांव के लोगों ने अनोखी पूजा की। सभी ने साथ मिलकर मंडल भीमा जातरा निकाली। फिर एक जगह इकट्ठा होकर भीमा मंडल की विशेष पूजा-अर्चना की।
ग्रामीणों ने वन देवी-देवताओं समेत ईष्ट देवों की पूजा कर उन्हें अनुष्ठान में शामिल होने का न्यौता दिया। अच्छी बारिश की कामना की, ताकि खेतों में फसल लहलहाती रहे। पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना भी की। पूरा कार्यक्रम आदिवासी ब्लॉक मैनपुर से 29 किमी दूर मोंगराडीह गांव में संपन्न हुआ। समयानुसार बारिश की कामना से रविवार को यहां 62 गांवों से हजारों लोग जुटे थे। सभी ने साथ मिलकर मंडल भीमा जातरा निकाली। इस दौरान मंडल भीमा की विशेष पूजा करते हुए देवी-देवताओ को आमंत्रित किया गया। उनसे इलाके के लोगों की विनती के मुताबिक बारिश करवाने और अकाल से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की गई। इलाके की सुख, शांति और समृद्धि की कामना भी देवी-देवताओं से की गई।
आदिवासियों की सदियों पुरानी परंपरा है जातरा
बताते हैं कि मोंगराडीह गांव में मंडल भीमा जातरा आदिवासियों की सदियों पुरानी परंपरा का हिस्सा है। इसमें हर साल राजापड़ाव क्षेत्र के 12 पाली से 62 गांवों के लोग शिरकत करते हैं। सारे अनुष्ठान आदिवासी रीति-रिवाजों के तहत निपटाए जाते हैं। इसमें गांव के झांकर, पुजारी, पटेल, सिरहा और गुनिया के अलावा आसपास के इलाकों से बडे जनप्रतिनिधि भी हिस्सा लेते हैं। माना जाता है कि जातरा के प्रभाव से ही इलाके में हर साल अच्छी बारिश होती है। अकाल नहीं पड़ता।