दिल्ली। राजधानी में 1100 पेड़ काटने के मामले में सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के बीच विवाद शुरु हो यगा है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने फॉरेस्ट और एनवायरमेंट विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री एके सिंह द्वारा मंत्रियों वाली फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के विरोध में लिखी गई एक चिट्ठी पर सवाल खड़े किए हैं।
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया, “दिल्ली में वन्य क्षेत्र में एक पेड़ काटने के लिए भी अनुमति केवल और केवल इस देश की सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ही दी जा सकती है। कोई भी विभाग और संस्थान एक पेड़ काटने की भी अनुमति वन्य क्षेत्र में नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा इतने कड़े नियम होने के बावजूद भी डीडीए ने सतबड़ी वन्य क्षेत्र में बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के 1100 बड़े वृक्ष काट दि गए। इस रतह से ये सीधे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है।
पेड़ कटते वक्त कहां थे वन विभाग के अधिकारी
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बोली गई अंग्रेजी की कहावत Why did the Dog not bark का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यहां इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों की पूरी जिम्मेदारी बनती है, कि जब चोरी छिपे गैर कानूनी तरीके से यह 1100 बड़े पेड़ काटे जा रहे थे, तो वन विभाग के अधिकारियों को इसका विरोध करना चाहिए था। आखिर वन विभाग के अधिकारी कहां छुपे हुए थे।
3 मंत्रियों की कमेटी का गठन
मामले के बाद तीन मंत्रियों की एक कमेटी का गठन किया गया। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस कमेटी ने भी वन विभाग और डीडीए के अधिकारियों को नोटिस जारी कर बुलाया लेकिन एक भी अधिकारी नहीं पहुंचा। उन्होंने फॉरेस्ट और पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एके सिंह द्वारा मीडिया को लिखी गई चिट्ठी का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि हमारे विभाग के मंत्री ने इस मामले मे हमसे लंबी चर्चा कर ली है, लेकिन उन्होंने अपनी चिट्ठी में यह नहीं लिखा कि मंत्री के कई बार रिपोर्ट मांगने के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों ने अपने मंत्री को इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं दी। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज एक बार फिर से इस संबंध में कमेटी की तरफ से कुछ संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है।
इन अफसरों को नोटिस जारी किया गया
- पर्यावरण विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी एके सिंह
- प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट
- डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट
- एडिशनल प्रिंसिपल कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट
- प्रिंसिपल कमिश्नर लैंड डीडीए
- कमिश्नर हाउसिंग डीडीए
- मेंबर इंजीनियर डीडीए
- चीफ इंजीनियर डीडीए
- सुप्रिटेंडेंट इंजीनियर साउथ जोन डीडीए
- वाइस चेयरमैन डीडीए
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