इंदौर।बारिश के सीजन में पिकनिक स्पॉट और वाटर फाल में डूबने से होने वाली मौत पर बड़ा एक्शन हुआ है। इंदौर कलेक्टर ने ऐसे झरने या एकांत इलाकों में एंट्री पर बैन लगा दिया है। यह भी कहा है कि यदि उल्लंघन किया तो केस दर्ज किया जाएगा। उधर पीड़ित परिवारों ने सलाह दी है कि ऐसे स्पॉट्स पर पूर्व के हादसे का जिक्र भी किया जाए। 5 साल में करीब 40 लोग ऐसी जगह जान गंवा चुके हैं। अधिकतर लोग 16 से 25 साल के युवा थे। ज्यादातर जानें डूबने या फिसलकर डूबने से गई हैं।
वो प्रमुख इलाके जहां प्रतिबंध लगाना पड़ा
- तिंछा फाल
- चोरल झरना
- चोरल डैम
- सीतलामाता झरना
- कजलीगढ़ क्षेत्र
- मेहंदी कुंड
- जामन्या कुंड
कलेक्टर का आदेश जारी, अब दर्ज होगा केस
कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज होगा। आदेश के अनुसार महू तहसील क्षेत्रों में स्थित तिंछा फाल, चोरल फाल, चोरल डैम, सीतला माता फाल, कजलीगढ़, मेहंदी कुंड, जामन्या कुंड आदि पर्यटन स्थलों पर जोखिम भरे क्षेत्रों और सुनसान इलाकों में लोगों की एंट्री को बंद कर दिया है।
इन पर्यटन क्षेत्रों में ज़रुरी जगह पर सूचना बोर्ड भी लगाए जाएंगे। कलेक्टर ने निर्देश दिए हैं कि जहां जरूरी है वहां सीमाएं भी तय की जाए। संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी आदेश का पालन करवाएंगे। युवा ऐसी नई-नई जोखिम भरी जगह जा रहे है, जो पुलिस-प्रशासन को भी नहीं पता है। हर जगह पुलिस बल भी तैनात नहीं किया जा सकता। लिहाजा कलेक्टर को कड़ा फैसला लेना पड़ा।