रायपुर। छत्तीसगढ़ में जून का महीना अब तक सूखे की ओर इशारा कर रहा है। प्रदेश के 33 में से 27 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है, जिससे करीब 82 प्रतिशत क्षेत्र प्रभावित है। अब तक औसतन 51% कम वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने आज भी नो-रेन डे घोषित किया है, यानी अधिकांश जिलों में बारिश की कोई संभावना नहीं है। केवल 1-2 स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।
इस बीच खरीफ सीजन पर खतरा मंडराने लगा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि यही स्थिति रही तो धान और अन्य फसलों की बुवाई पर असर पड़ेगा। हालांकि 11 जून से गरज-चमक के साथ बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। सोमवार को बिलासपुर 41°C के साथ सबसे गर्म जिला रहा। उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ सहित बस्तर के कई जिलों में बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है।
हालांकि इस बार की गर्मी पिछले साल से थोड़ी कम रही है। पिछले साल जून में अधिकतम तापमान 45.7°C तक पहुंचा था, जबकि इस साल अब तक यह 43°C के आसपास बना हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि मई में रिकॉर्ड 374% ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी, जिससे उम्मीदें जगी थीं। लेकिन मानसून के ठहराव ने चिंता बढ़ा दी है। मौसम विभाग के अनुसार, जून में शुरुआत में गर्मी बढ़ती है, बाद में लो-प्रेशर सिस्टम से बारिश सक्रिय होती है। यदि मानसून जल्द सक्रिय नहीं हुआ तो यह कृषि के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।