बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष और दरगाह आला हजरत खानदान के सदस्य मौलाना तौकीर रजा हिन्दू धर्मों के 20 से ज्यादा युवक-युवतियों को मुसलमान बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इनका धर्म परिवर्तन कराने के साथ ही निकाह भी कराएंगे। निकाह के लिए तारीख का भी ऐलान कर दिया है। इस सामूहिक निकाह के लिए बरेली में जिला प्रशासन से इजाजत मांगी है। तौकीर रजा की तरफ से नगर मजिस्ट्रेट को आईएमसी के संगठन प्रभारी नदीम कुरैशी ने पत्र दिया है।
मोहल्ला सौदागरान स्थित अपने आवास पर सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना तौकीर रजा ने बताया कि दूसरे धर्म से इस्लाम कबूल करने की इच्छा रखने वाली आठ लड़कियां हैं और 15 लड़के हैं। सभी बालिग हैं और इन सभी ने पहले से शादी कर ली है। हमने जिला प्रशासन से इजाजत मांगी है। 21 जुलाई को खलील स्कूल में पहले चरण में पांच जोड़ों का हम लोग धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी करेंगे। हालांकि यह कहा कि इन लोगों ने पहले से धर्म परिवर्तन कर लिया है लेकिन हम लोग उसकी पूरी प्रक्रिया करेंगे। इसके बाद सार्वजनिक रूप से सामूहिक निकाह यानी विवाह होगा। जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी है। इसकी इजाजत के बारे में अभी तक कोई सूचना हमें नहीं दी गई है।
मौलाना ने कहा कि सभी लोगों को अपने निजी मामलों में फैसला करने का हक है। पांच जोड़ों का विवाह होने जा रहा है उनमें एक एमपी का हैं और अन्य आसपास के जिलों के हैं। अभी युवक युवतियों की पहचान जारी नहीं जा रही है। पहचान सार्वजनिक करने से इन्हें दिक्कत आ सकती है। इन पर अलग अलग तरीके से दबाव बनाया जा सकता है। जिस दिन प्रशासन से इजाजत मिल जाएगी उनकी पहचान सार्वजनिक कर दी जाएगी। जिस दिन विवाह होगा सभी लोग उनसे मिल लेंगे। उनके बारे में जान ले लेंगे। तौकीर ने कहा कि ये युवक युवतियां पहले ही शादी कर चुके हैं। लेकिन इन लोगों को किसी धर्म की मान्यता नहीं मिल सकी है। हम चाहते हैं कि इन लोगों को धर्म की मान्यता मिल जाए।
हिन्दू युवक युवतियां मुस्लिम बनना चाहते हैं
मौलाना ताकीर की तरफ से प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है कि इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के प्रमुख ज़नाव मौलाना तौकीर रजा खान सहाब के सम्पर्क मे कुछ हिन्दू युवक और युवतियां हैं। इन लोगों की आस्था और विश्वास इस्लाम धर्म में है। युवक इस्लाम धर्म से प्रभावित होकर मुस्लिम धर्म स्वीकार करके मुस्लिम युवती से शादी करना चाहते है। इसी प्रकार कुछ हिन्दू युवतियां इस्लाम धर्म से प्रभावित होकर मुस्लिम धर्म स्वीकार करके मुस्लिम युवाओं से निकाह करना चाहती हैं। इन्हे किसी भी प्रकार से कोई प्रलोभन नही दिया गया है। इन पर किसी तरह का कोई दवाब नही बनाया गया है। इनकी स्वन्तत्र सहमति है और सभी युवक-युवतियां बालिग हैं।