आदिवासी युवती से शादी करने मुस्लिम युवक ने दिए 10 हजार, हिंदू संगठन उतरा विरोध में

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मुस्लिम युवक ने आदिवासी युवती से शपथ पत्र के माध्यम से विवाह करने का प्रयास किया। हिंदू संगठनों की आपत्ति के बाद मामला खुला तो पता चला कि बतौर पत्नी साथ रखने उसने युवती के घरवालों को उसने 10 हजार रुपये दिए थे। विवाद बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। पुलिस ने दोनों पक्षों का बयान लिया है। अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

बलरामपुर जिले के राजपुर न्यायालय परिसर में मंगलवार को मुस्लिम युवक ,हमउम्र आदिवासी युवती को साथ लेकर पहुंचा था। युवती से विवाह के लिए दस्तावेज तैयार कराने के दौरान ही मामला सार्वजनिक हो गया। दूरस्थ गांव की युवती को लेकर मुस्लिम युवक द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से विवाह की जानकारी लगते ही हिंदू संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। ऐसे में राजपुर पुलिस ने हस्तक्षेप किया। युवक-युवती के साथ उनके स्वजन को भी थाना लाकर पूछताछ की गई। युवती के पिता और चाचा इस विवाह पर राजी नहीं थे। दोनों के बालिग होने का दावा कर पुलिस ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की है।

पंचनामा में लिखा – विवाद होगा तो दोनों समाज मिलकर सुलझा लेंगे

आदिवासी युवती को मुस्लिम युवक द्वारा घर से लाने के दौरान एक पंचनामा तैयार किया गया है। पंचनामा में युवक-युवती के साथ कुछ गांव वालों के हस्ताक्षर है। पंचनामा में लिखा है कि – युवती को जिंदगी भर निभाने का जिम्मा युवक को दिया गया है। इसके बाद कोई विवाद होता है तो दोनों समाज मिलकर उस विवाद को सुलझा लेंगे।

समाज में बने रहने भोज के लिए दिया 10 हजार

रविवार 29 सितंबर को मुस्लिम युवक ने युवती को उसके घर से लाया था। युवती के पिता का दावा है कि मुस्लिम युवक ने बेटी को साथ ले जाने के एवज में 10 हजार रुपये दिए थे। इस राशि से समाज के लोगों को भोजन कराना था। यह व्यवस्था बतौर जुर्माना कुछ जनजातीय समाज में हैं। इसे ””भात भीतर”” के नाम से भी जाना जाता है।

Share This News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *