छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर में 8 आदिवासियों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 15 दिन में 5 महिला और 2 पुरुषों ने दम तोड़ा है, जबकि एक की कुछ दिन पहले जान गई थी। इसमें किसी को खून की उल्टियां तो किसी की बुखार, सर्दी-खांसी से जान गई है। मामला अंबागढ़ चौकी के नीचेकोहड़ा गांव का है।
दैनिक भास्कर की टीम ने नीचेकोहड़ा गांव के हालातों का जायजा लिया। इस दौरान गांव में करीब 15 ग्रामीण बीमार मिले, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं। इसमें 8 लोग गांव में बिस्तर पर पड़े हैं। वहीं कुछ लोग राजनांदगांव और अन्य जगह अस्पतालों में भर्ती हैं। नीचेकोहडा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि पहली मौत 28 अगस्त को हुई थी। इसके बाद आखिरी 2 मौतें 13 सितंबर को हुई हैं। 8 में से 4 आदिवासी राजनांदगांव में और एक ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अंबागढ चौकी में दम तोड़ा है, जबकि 3 ग्रामीणों की गांव में ही जान गई है।
2 सहेलियों ने एक ही दिन तोड़ा दम
रेणुका नायक के पिता हरिश्चंद्र नायक ने बताया कि 23 साल की रेणुका नायक और 18 साल की सती कंवर दोनों सहेलियां थी। दोनों की एक ही दिन मौत हुई है। तबीयत खराब होने पर रेणुका चौकी अस्पताल गई थी। तबीयत बिगड़ने पर उसे राजनांदगांव से रेफर किया गया। इसके बाद भिलाई अस्पताल पहुंचते ही मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौन
ग्रामीणों ने कहा कि लगातार हो रही मौतों की जानकारी होने के बावजूद अधिकारी कुछ नहीं कह रहे। ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आर. आर धुर्वे, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसआर मंडावी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कौडीकसा प्रभारी डॉक्टर हितेश मार्शल खामोश बैठे हैं। मामले की जानकारी लगते ही विधायक इंद्र शाह मांडवी गांव पहुंचे। यहां पीड़ित परिवारों के घर-घर जाकर मुलाकात की। रोते-बिलखते परिवारों को ढांढस बंधाया। साथ ही विधायक ने CMHO डॉ. एसआर मंडावी समेत स्वास्थ्य विभाग को फटकार लगाई।