नरैया तालाब को संवारने पहले 6 करोड़ खर्च,पानी तक साफ नहीं हुआ, अब फिर 10 करोड़ लगाएंगे

शहर के ऐतिहासिक और पुराने तालाबों में एक नरैया तालाब को फिर संवारने की तैयारी हो रही है। पिछले दस साल में इस तालाब पर 6 करोड़ से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन आज तक तालाब का पानी तक साफ नहीं हुआ। तालाब के चारों ओर गंदगी फैली रहती है।

इसके बावजूद नगर निगम और स्मार्ट सिटी ने एक बार फिर इसे 9.98 करोड़ में संवारने का प्लान तैयार किया है। दावा किया जा रहा है कि लोगों के लिए इस बार तालाब में टॉय ट्रेन और बटरफ्लाई पार्क बनाया जाएगा। लेकिन हकीकत में अफसर यहां बने पाथ-वे और गार्डन तक को नहीं बचा पाए हैं। तालाब के पानी में कई बार इतनी बदबू रहती हो कि वहां से आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है।

अफसरों का कहना है कि इस बार तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए पुख्ता योजना तैयार की गई है। टिकरापारा, पुलिस लाइन, राजेंद्र नगर, शैलेंद्र नगर समेत आसपास के कई वार्डों की बड़ी आबादी के लिए यह मनोरंजन सेंटर तैयार होगा। लेकिन इस तालाब के सौंदर्यीकरण पर पहले भी करोड़ों रुपए खर्च किए गए। इसके बावजूद तालाब की स्थिति पहले से भी ज्यादा दयनीय हो गई है। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम नहीं होने की वजह से वहां लोग भी जाने से कतराते हैं। नरैया तालाब तीन तालाबों से मिलकर बना है। मेन रोड से दिखने वाले तालाब के पीछे दो और तालाब हैं। वाटर बॉडी के अलावा पाथवे, गार्डन आदि है, लेकिन सब बदहाल है। लोगों का कहना है कि पहले इसे ही संवारते तो अच्छा होता।

6 करोड़ खर्च होने के बावजूद तालाब जलकुंभी से पट गया

नरैया तालाब परिसर करीब 10 एकड़ क्षेत्र में फैला है। सबसे पहले 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के कार्यकाल में इस पर 2.80 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। आकर्षक लाइटिंग करने के साथ ही तालाब के बीच टापू का किया गया सौंदर्यीकरण भी बर्बाद हो गया है।

पिछले हिस्से का तालाब दलदल में तब्दील हो गया है। चारों ओर लगाई रेलिंग भी चोरी हो गई। सफाई नहीं होने की वजह से पूरा तालाब जलकुंभी से भर गया है। इसी तालाब पर स्मार्ट सिटी ने भी करीब तीन करोड़ और खर्च किए थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में यहां रजक गुड़ी और भव्य प्रवेश द्वार बनाया गया था।

नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से तालाब को बचाएंगे

रायपुर स्मार्ट सिटी तालाब को बचाने के लिए यहां पर एक एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा रहा है। एसटीपी का सिविल काम लगभग पूरा हो गया है। इसके बाद यहां पर मशीनें लगाई जाएंगी। एसटीपी शुरू होने के बाद रोज करीब 10 लाख लीटर गंदा पानी साफ हो सकेगा।

पानी साफ करने के बाद उसे वापस तालाब में ही डाला जाएगा। इससे तालाब का जलस्तर बना रहेगा और गंदगी जाने से रुक जाएगी। तालाब से आने वाली बदबू भी खत्म हो जाएगी। स्मार्ट सिटी के अफसरों का कहना है कि इस साल तक सीवरेज प्लांट चालू हो जाएगा। इसके बाद प्लांट और तालाब की सुरक्षा के लिए भी व्यापक इंतजाम किए जाएंगे। सफाई नहीं होने की वजह से नरैया तालाब जलकुंभी से पटा। तालाब के चारों ओर बना पाथ-वे और गार्डन भी खराब हो चुका।

 इस बार इस तरह के होंगे काम

नगर निगम ने तालाब के सौंदर्यीकरण का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। एमआईसी से इसे मंजूरी भी मिल गई है। 7 अक्टूबर को होने वाली सामान्य सभा में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। वहां भी मंजूरी मिलना लगभग तय है। इस बार योजना में इंटरनल पाथवे, बाउंड्रीवाल, प्लांटेशन-लैंडस्कैपिंग, गार्डन, माड्यूलर कियोस, टायलेट, सीसीटीवी कैमरा, म्यूजिकल फाउंटेन, तालाब की सफाई, लाइटिंग, ड्रीप इरिगेशन आदि के काम होंगे।

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