वन नेशन-वन इलेक्शन,3 बिल ला सकती है सरकार

देश में एक साथ चुनाव कराने की अपनी योजना को अमल में लाने के लिए सरकार द्वारा 3 विधेयक लाए जाने की संभावना है, जिनमें दो संविधान संशोधन से संबंधित होंगे।

प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक स्थानीय निकाय चुनावों को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ कराए जाने से संबंधित है। इसके लिए कम से कम 50% राज्यों के अनुसमर्थन की आवश्यकता होगी।

‘एक देश, एक चुनाव’ योजना के साथ आगे बढ़ते हुए, सरकार ने इस महीने की शुरुआत में देशव्यापी सहमति बनाने की कवायद के बाद चरणबद्ध तरीके से लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक साथ चुनाव कराने की उच्च-स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।

तीन संशोधनों से क्या होगा…

पहला संविधान संशोधन विधेयक

 लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान करने से संबंधित होगा। इसमें विधानसभाओं को भंग करने और ‘एक साथ चुनाव’ शब्द को शामिल करने के लिए अनुच्छेद 327 में संशोधन करने से संबंधित प्रावधान भी हैं। इस को 50% राज्यों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता नहीं होगी।

दूसरा संविधान

स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोगों के परामर्श से निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर सूची तैयार करने से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव करेगा।

तीसरा संशोधन

यह बिल केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित तीन कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करने वाला एक सामान्य विधेयक होगा।

 नवंबर-दिसंबर में आएगा बिल

देश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन) करवाने के प्रस्ताव को 18 सितंबर को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। बिल शीतकालीन सत्र यानी नवंबर-दिसंबर में संसद में पेश किया जाएगा। 17 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सरकार इसी कार्यकाल में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ लागू करेगी। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा पैदा कर रहे हैं।

वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट 18 हजार 626 पन्नों की है। पैनल 2 सितंबर 2023 को बनाया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। कमेटी ने सभी विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 तक करने का सुझाव दिया है।

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