बिलासपुर। भू-अभिलेख सुधरवाने की प्रक्रिया में शासकीय अधिकारियों की मनमानी को लेकर अब सीएम ने तल्ख तेवर दिखाए है। सीएम की तल्ख तेवर देखकर बिलासपुर कलेक्टर ने राजस्व निरीक्षक (RI) को सस्पेंड कर पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने वाले नायब तहसीलदार को हटा दिया है। स्थानीय रहवासियों को शासकीय काम करवाने में परेशानी ना हो, इसलिए अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए है।
दरअसल, बेलमुंडी निवासी अरविंद कुमार शर्मा 8 अगस्त को मुख्यमंत्री के जनदर्शन में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। उन्होंने बताया कि, उनके पिता के बंटवारे में 3.92 हेक्टेयर जमीन उसे मिली थी। उसके हिस्से की जमीन का उसके नाम पर अलग से पर्चा भी बना था। वो बिलासपुर में रहता है। लिहाजा, खेती-बाड़ी का काम ठेके पर दे दिया है। कभी-कभी गांव जाता है। साल 2021 में पिता का निधन हो गया। जिसके बाद से उसके छोटे भाई ने पटवारी से मिलकर षडयंत्र पूर्वक जमीन अपने नाम कर लिया है। इसके बाद से वो राजस्व रिकार्ड सुधरवाने के लिए पटवारी से लेकर तहसील ऑफिस का चक्कर काट रहा है। कई बार आग्रह करने के बाद भी अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिस कारण परेशान होकर उसे यहां आना पड़ा।
सीएम साय ने कलेक्टर को किया फोन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिकायत सुनने के बाद सीधे कलेक्टर अवनीश शरण को फोन किया। उन्होंने कहा कि अपनी पैतृक संपत्ति में राजस्व रिकार्ड सुधरवाने के लिए कोई सीएम हाउस आए, तो कैसे काम चलेगा। उन्होंने कलेक्टर को खुद संज्ञान लेकर मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
कलेक्टर ने कराई जांच, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई
सीएम के निर्देश के बाद कलेक्टर अवनीश शरण ने संयुक्त कलेक्टर मनीष साहू को जांच अधिकारी नियुक्त किया और रिपोर्ट मांगी। शुरुआती जांच में पता चला कि, तत्कालीन पटवारी सुरेश कुमार ठाकुर जिसने गड़बड़ी की है, वो अब आरआई बन गया है। उसकी पोस्टिंग बेलपान में है।
इसी तरह नायब तहसीलदार राकेश कुमार ठाकुर ने पर्यवेक्षण में लापरवाही बरती है। कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरआई को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, सकरी में पदस्थ नायब तहसीलदार राकेश कुमार ठाकुर को हटाकर कलेक्टर कार्यालय में बिना प्रभार के अटैच किया है।