बैंड नहीं बजाने पर 25 कॉन्स्टेबल सस्पेंड

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस ने बैंड नहीं बजाने पर 25 कॉन्स्टेबल को एक हफ्ते के भीतर सस्पेंड कर दिया है। मुख्यालय से जारी निर्देश के बाद कांस्टेबलों ने इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दे दी, तो मामले ने तूल पकड़ लिया। ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ हर जिले में इतनी बड़ी संख्या में कॉन्स्टेबल को सस्पेंड किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आदेश का पालन नहीं करने पर यह एक्शन लिया गया है, वहीं कॉन्स्टेबल का तर्क है- हमारी भर्ती जनरल ड्यूटी के लिए हुई थी, इस वजह से बैंड बजाने से मना किया और अधिकारियों ने नाराज होकर कार्रवाई कर दी।

इस तरह समझे पूरे मामले को

साल 2023 के अंत यानी 13 दिसंबर को मोहन यादव मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने तमाम तरह के फैसले लिए। तीसरे दिन लिए गए कुछ फैसलों में एक फैसला ये भी था कि मध्य प्रदेश के हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना की जाए। सीएम के आदेश के बाद पुलिस हेड क्वार्टर, भोपाल से एडीजी साजिद फरीद शापू ने 18 दिसंबर को सभी जिलों के एसपी के नाम आदेश जारी किया। आदेश में लिखा था कि हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना की जानी है।

बिना सहमति नाम डालने पर विवाद

आदेश के बावजूद कुछ जिलों के एसपी ने आरक्षकों को बगैर उनकी सहमति के बैंड दल में नॉमिनेट कर दिया। इसके खिलाफ मंदसौर, रतलाम, राजगढ़, गुना, भिंड, ग्वालियर, मुरैना, नीमच, शिवपुरी, शाजापुर, देवास जिलों के करीब 29 आरक्षकों ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर कर दी।

आरक्षकों की तरफ से दायर याचिका में वकीलों ने दलील दी कि आरक्षकों ने बैंड दल में जाने की इच्छा नहीं जताई है। न ही कोई लिखित सहमति दी। इसके बावजूद इन्हें बैंड दल में शामिल होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया। बाकी के जवान प्रशिक्षण लेते रहे।

अभ्यास ज्वाइन नहीं करने पर सस्पेंड

स्वतंत्रता दिवस करीब आते ही, पुलिस मुख्यालय से फिर आदेश जारी हुआ। आदेश में जिलों के एसपी को प्रशिक्षण के लिए नए बैंड वादक कर्मियों को आवंटित इकाइयों में अभ्यास में भेजने के आदेश दिए गए। ताकि हर जिले में 15 अगस्त की परेड में उच्च स्तरीय बैंड का प्रदर्शन हो सके। आदेश में कर्मचारियों की इच्छा होने की बात नहीं लिखी थी। इसके बाद तमाम जिलों के एसपी ने कर्मियों को नॉमिनेट कर अभ्यास जॉइन करने के आदेश जारी किए। इसके बाद जिन आरक्षकों ने अभ्यास जॉइन नहीं किया उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।

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