नक्सल हिंसा से प्रभावित बस्तर के युवाओं काे विकास की ओर बढ़ने ‘बस्तर ओलंपिक’ का आयोजन किया जाएगा। 1 से 15 नवंबर तक होने वाले खेलों का मुख्य उद्देश्य युवाओं को खेलों से जोड़ना है। नक्सल हिंसा से प्रभावित पूर्व नक्सलियों और उनके पीड़ितों के बीच भी खेल का आयोजन किया जाएगा, जो केवल संभाग स्तर पर होगा।
यह प्रयास उन लोगों के बीच सामंजस्य और शांति स्थापित करने के लिए किया गया है, जिनके बीच लंबे समय से तनाव रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और स्थिरता लाने की दिशा में यह पहल की है। साय का मानना है कि खेल न केवल शारीरिक विकास के लिए आवश्यक हैं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी जरूरी हैं।
बस्तर ओलंपिक का आयोजन इस सोच का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि खेलों से न केवल युवाओं को सशक्त किया जा सकता है, बल्कि समाज में शांति और समरसता भी स्थापित की जा सकती है। इसका उद्देश्य खेलों के जरिए शांति और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। नक्सल ग्रस्त क्षेत्रों में स्थिर और समृद्ध समाज खड़ा हो सके। मुख्यमंत्री साय का यह विजन है कि पूर्व नक्सलियों को समाज में फिर स्थापित किया जाए और उन्हें एक नई पहचान दी जाए।
तीन स्तर पर आयोजन, ये खेल शामिल
यह आयोजन ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर होगा। इस ओलिंपिक में हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, वॉलीबॉल, वेटलिफ्टिंग, रस्साकशी (टग ऑफ वॉर) खेल शामिल होगा। बस्तर ओलिंपिक का एक अनूठा पहलू यह भी है कि इसमें पूर्व नक्सलियों को भी भाग लेने का अवसर मिलेगा। यह उनके लिए समाज की मुख्यधारा में शामिल होने और जीवन में नई शुरुआत करने का एक बेहतरीन मौका होगा।
प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर अवसर
बस्तर के युवाओं में अपार खेल प्रतिभा है। इसे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की आवश्यकता है। बस्तर ओलंपिक के माध्यम से स्थानीय खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। इन खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे, ताकि उनकी खेल यात्रा को एक नई दिशा मिल सके।
ये मिलेंगे पुरस्कार
- विजेताओं को नकद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह।
- उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को विशेष सम्मान।
- विजेताओं को खेलों में बढ़ाने मार्गदर्शन व अवसर।