स्टेशन के सामने बनेगा Interchange, इन चौराहों पर होगा अंडरपास का विकास

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के तहत मेट्रो स्टेशन के पास एक इंटरचेंज बनाने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण कार्यालय में मेट्रो संचालन के लिए गठित समिति की बैठक हुई, जिसमें मेट्रो इंटरचेंज बनाने के साथ अन्य कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
बैठक का आयोजन गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के कार्यालय में किया गया था। इस बैठक की अध्यक्षता जीएमडीए के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुनीश शर्मा (आईएएस) ने की थी। इस बैठक में गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड समेत जीएमडीए, एनएचएआई, नगर निगम, एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी, पुलिस, डीएचबीवीएन, एचवीपीएन, एनसीआरटीसी के अधिकारी शामिल थे।
बताया जा रहा है कि ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के तहत मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के समीप इंटरचेंज मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। यहां ब्लू लाइन के तहत मेट्रो दौड़ोगी। इंटरचेंज मेट्रो के विकास के साथ गुरुग्राम सेक्टर 10 में स्थित बस डिपो को बस टर्मिनल के रूप में बदलने की तैयारी की जाएगी। साथ ही शहर के चार चौराहों पर अंडरपास बनाने की भी योजना है।
इन स्थानों पर बनेगा रेलवे स्टेशन
बैठक में शामिल एक अधिकारी ने जानकारी दी कि गुरुग्राम सेक्टर 44 में स्थित फोर्टिस अस्पताल के पास एक नया मेट्रो स्टेशन बनाया जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि पहले मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के करीब फुट ओवर ब्रिज तैयार किया जाना था, लेकिन किसी कारण के चलते इस योजना को रद्द कर दिया गया। इन चार चौराहों पर बनेगा अंडरपास का विकास किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, अंडरपास का निर्माण रेजांगला चाद्यौक, बख्तावर चौक, जेड चौक और बजघेड़ा चौक पर किया जाएगा। इससे यातायात व्यवस्था और सुलभ हो पाएगी।
मेट्रो डिपो पर की गई चर्चा
मिली जानकारी के अनुसार, आयोजित बैठक में होंडा चौक के समीप सेक्टर 33-34 में स्थित मार्बल मार्केट के पास भी एक मेट्रो डिपो बनाने पर चर्चा की जा रही है। एक अधिकारी ने बताया कि मार्बल मार्केट में मेट्रो डिपो के काम को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है, क्योंकि ये जमीन अदालती झमेले में फंसी हुई है। बैठक में मेट्रो डिपो के लिए मार्बल मार्केट में कितनी जमीन है आदि पर भी चर्चा की गई। मेट्रो रूट में आने वाले सैकड़ों पेड़ों को काटने के विषय में भी चर्चा की गई है। इसके लिए प्राधिकरण को वन विभाग से मंजूरी लेनी होगी।
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