अरब सागर के साइक्लोन का कच्छ में असर, देश के 14 राज्यों में अलर्ट जारी

दिल्ली। गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र (डीप डिप्रेशन) अरब सागर की ओर शिफ्ट होते हुए चक्रवाती तूफान में बदलता दिख रहा है। मौसम विभाग ने कहा- माना जा रहा था कि डीप डिप्रेशन कमजोर हो जाएगा, लेकिन शुक्रवार सुबह तक यह और मजबूत होकर तूफान में तब्दील होता दिख रहा है।

यह 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। अगले 12 घंटे में यह पूरी तरह साइक्लोन में बदल जाएगा। अरब सागर के बाद यह तूफान पाकिस्तान के कराची की ओर मुड़कर कमजोर हो सकता है। फिलहाल इसका सबसे ज्यादा असर कच्छ में दिख रहा है।यहां 65 से 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।

अरब सागर में बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन।

राजकोट, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़, द्वारका में भी तूफान के चलते भारी बारिश का अलर्ट है। कच्छ और राजकोट में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। कच्छ में कच्चे मकानों में रह रहे लोगों को घर खाली करने का आदेश दिया है। गुजरात में 1 हफ्ते से जारी तेज बारिश के बाढ़ के हालात अभी भी बने हुए हैं। पिछले 4 दिनों में 32 लोगों की मौत हो गई है। रेस्क्यू के लिए NDRF-SDRF के अलावा सेना को भी तैनात किया गया है।

1976 के बाद अरब सागर में आया यह पहला तूफान

अगस्त में आमतौर पर चक्रवाती तूफान नहीं आते हैं। अब तक सिर्फ तीन तूफान अगस्त महीने में अरब सागर से उठे हैं। पहली बार 1944 में अरब सागर से तूफान उठा था, जो बाद में कमजोर पड़ गया। 1964 में गुजरात तट पर एक सर्कुलेशन बना था, जो बाद में तट तक आते कमजोर हो गया। अगस्त में सबसे आखिरी तूफान 1976 में आया था, जो ओडिशा के पास से चला था और बाद में धीमा हो गया था। हालांकि, बंगाल की खाड़ी में 132 सालों में अगस्त में 28 तूफान आ चुके हैं।

आज 14 राज्यों में अलर्ट

दिल्ली में अगस्त में 378.5 मिमी बारिश हुई। यह शहर में पिछले 12 साल में बारिश का हाईएस्ट है। मौसम विभाग ने 30 अगस्त को उत्तर प्रदेश समेत देश के 14 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

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