रेलवे ने हेल्थ केयर नीति में बड़ा बदलाव किया है। रेलवे अपने कर्मचारियों, उनके आश्रितों और पेंशनर्स को यूनिक मेडिकल आइडेंटिफिकेशन (यूएमआईडी) कार्ड जारी करेगा। इस कार्ड के जरिए बिना किसी रेफरल के रेलवे के चिह्नित अस्पतालों व सभी एम्स में मुफ्त इलाज करवाया जा सकेगा। यह कार्ड संबंधित कर्मचारियों- पेंशनर के आग्रह पर 100 रु. शुल्क लेकर जारी किया जाएगा। इससे रेलवे के करीब साढ़े 12 लाख कर्मचारियों, 15 लाख से अधिक पेंशनर्स व करीब 10 लाख आश्रितों को फायदा होगा।
रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ट्रांसफॉर्मेशन प्रणव कुमार मलिक ने सोमवार को यह आदेश जारी किया। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। दरअसल इस संबंध में रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड को सुझाव दिए गए थे। इस पर विचार के बाद बोर्ड ने फैसला लिया है। रेफरल को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स से रेलवे को लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
डॉक्टर अपने चहेते अस्पतालों के नाम पर रेफरल जारी करते थे। नई व्यवस्था से इस पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। रेलवे में कार्यरत सभी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों के इलाज, के लिए अस्पतालों, जांच सेंटर की लिस्ट जारी करेगा। सूची में पहले से शामिल अस्पताल तत्काल प्रभाव में इस लिस्ट में शामिल माने जाएंगे। विशेष स्थिति होने पर किसी खास अस्पताल के लिए रेफरल जारी किया जाएगा, लेकिन रेफरल 30 दिनों की अवधि के लिए वैध होंगे।
एम्स, राष्ट्रीय अस्पतालों में बगैर रेफरल होगी जांच
पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी, निमहंस बेंगलुरु और देश के 25 एम्स की ओपीडी, आईपीडी, इनडोर जांच आदि के लिए किसी तरह का रेफरल की जरूरत नहीं होगी। इन संस्थानों द्वारा दवाएं भी दी जाएंगी। जरूरत पर ये दवाएं बाद में रेलवे के अस्पतालों से ली जा सकेंगी।