ट्रेन में टीटी अब वॉकी-टॉकी से कम्युनिकेशन, विवाद-बेटिकट यात्रियों से निपटने में होगी आसानी

ट्रेन में बिना टिकट लिए सफर करने वाले यदि टीटीई को देखकर दूसरे दरवाजे से भागने की कोशिक करेंगे, तो अब टीटीई अपने साथी को उसका हुलिया तुरंत बता देंगे। इसके लिए 100 टीटीई स्टॉफ को वॉकी-टॉकी दिया गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल ने यात्री सेवा को और बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है।

ट्रेनों के टिकट जांच कर्मचारियों, टीटीई को वॉकी-टॉकी दिया गया है। यह कदम यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और समन्वय को सुदृढ़ करने के लिए उठाया गया है। वॉकी-टॉकी उपकरणों की मदद से टीटीई आपातकालीन स्थिति में तुरंत संपर्क कर सकेंगे, जिससे त्वरित सहायता और बेहतर समन्वय सुनिश्चित होगा। इससे आरएसी और वेटिंग टिकट क्लीयर करने में भी मदद मिलेगी। अन्य कोच में बिठाए गए यात्रियों को उनकी आरक्षित सीटों पर बिठाने में सुविधा होगी।

जरूरतमंद यात्रियों को मिल रही मदद

यात्री सेवा तथा सुविधा को और बेहतर बनाने, आपसी समन्वय के साथ सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अभिनव पहल के तहत ट्रेनों के टीटीई, कर्मचारियों को वॉकी-टॉकी उपकरण प्रदान किए गए हैं। इस उपकरण की सहायता से भनवारटंक घाट सेक्शन व दघोरा-जामगा जैसे नेटवर्क विहीन सेक्शनों में आपातकालीन स्थिति में टीटीई कर्मचारी आपसी समन्वय स्थापित कर जरूरतमंद यात्रियों को बेहतर सहायता पहुंचा पा रहे हैं।

इसके साथ ही ट्रेनों के अन्य कोच में कार्यरत सहयोगी टीटीई स्टाफ आपसी समन्वय स्थापित कर आरएसी, वेटिंग टिकट क्लीयर करने तथा अन्य कोच में बैठे यात्रियों को उनके आरक्षित कोच व सीट में बैठाने जैसी बेहतर सुविधाएं भी सुनिश्चित कर रहे हैं। स्टेशन में मौजूद स्पेशल टीम से सीधे संपर्क स्थापित कर जरूरतमंद यात्रियों को भी हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही।

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